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पराशर झील हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह झील हिमालय की गोद में स्थित है और इसका नाम ऋषि पराशर के नाम पर है। यह आकर्षक वातावरण, शानदार पर्वतीय दृश्य और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख में हम पराशर झील के बारे में बात करेंगे और इसकी विशेषताओं, इतिहास, महत्व और यात्रा के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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पराशर झील हिमाचल प्रदेश |
पराशर झील का अद्यतित रूप 1000 वर्ष पूर्व से भी अधिक का है। इसे मान्यताओं और कथाओं के आधार पर प्राचीन काल से भी पवित्र माना जाता है। यहाँ पराशर ऋषि ने अपने तपस्या काल में आराम और ध्यान के लिए ठहराव पाया था। झील के चारों ओर के पहाड़ी द्रुमों का कहना है कि वे ऋषि पराशर की मौजूदगी को गवाही देते हैं। यहाँ का पानी प्राकृतिक रूप से शानदार और स्पष्ट होता है और झील के किनारे पर्यटक शांति और शांति का आनंद लेते हैं।
पराशर झील को उन्नत सुविधाओं के साथ प्रशासनिक रूप से विकसित किया गया है। यहाँ विश्राम के लिए छत्तरों और शौचालयों की व्यवस्था है। इसके आसपास आपको पिकनिक टेबल्स, आरामदायक कुर्सी और अन्य सुविधाएँ मिलती हैं। पराशर झील आकर्षक पेड़-पौधों से घिरी है, और यहाँ के मार्गों को यात्रियों के लिए आसान बनाने के लिए बेहतर ढंग से आयोजित किया गया है।
यहाँ ज्यादातर पर्यटक तालाब पर एक कांच की नाव के साथ घूमने का आनंद लेते हैं। यह झील किसी भी समय में खूबसूरत लगती है, लेकिन सुनवाई में खास रूप से शानदार दिखती है। पराशर झील के पास बस्तर स्थित है, जो आपको स्थानीय शिल्प-हस्तशिल्प और स्थानीय खाद्य पदार्थों का स्वाद लेने का अवसर देता है।
पराशर झील के चारों ओर के पहाड़ी द्रुम आपको प्राकृतिक गुणों से भरपूर यात्रा के लिए आमंत्रित करते हैं। इन पहाड़ियों का अद्भुत सौंदर्य देखकर आपको वास्तविक रूप से प्राकृतिकता की अनुभूति होती है। यहाँ पर्यटक घुमने के साथ-साथ एक पॉजिटिव वातावरण का अनुभव करते हैं आप यहाँ सर्दियों में ट्रेक करके आ सकते हैं इसके लिए नीचे दी गई विडियो को जरुर देखें
पराशर झील को "तैरता द्वीप" के नाम से भी जाना जाता है। यह तैरता द्वीप एक अद्वितीय प्राकृतिक रहस्य है जो प्रशार झील में स्थित है। इस द्वीप की विशेषता यह है कि वह पानी की सतह पर तैरता है और उसकी स्थिति हमेशा बदलती रहती है।
तैरता द्वीप का आकार लगभग त्रिकोणीय होता है और यह झील के मध्य भाग में स्थित होता है। यह द्वीप जल के ऊपर इतनी विशाल जगह का आवारण करता है कि यह एक नाव की तरह लगता है जो तैरती हुई जल में घूम रही हो। इसे देखने के लिए यात्रियों को प्रशार झील के किनारे से नाव पर सवारी करनी पड़ती है। यह दृश्य अद्भुत और चमत्कारिक होता है, क्योंकि इस द्वीप का आकार और स्थिति निरंतर बदलती रहती है।
तैरता द्वीप का कारण यह है कि यह घास के मैदानों और जल के पोषण के कारण उभरता है। यह उभरने का प्रक्रिया प्रकृति के एक रहस्य के रूप में मानी जाती है। इसके साथ ही, यह तैरता द्वीप स्थानीय लोगों की प्राकृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और वे इसे प्रशार झील की प्रमुख आकर्षणों में से एक के रूप में समझते हैं।
तैरता द्वीप पर जाने से पहले यात्री ध्यान देने की आवश्यकता होती है कि वे स्थानीय गाइड के साथ ही जाएं और सुरक्षा के नियमों का पालन करें। यह विशाल द्वीप एक प्राकृतिक रहस्य होने के साथ-साथ एक खतरनाक स्थान भी हो सकता है, इसलिए यात्रियों को सतर्क रहना चाहिए।
तैरता द्वीप प्रशार झील का एक महान आकर्षण है और यह उन यात्रियों के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है जो प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना चाहते हैं। यह द्वीप एक अलौकिक प्रकृतिक रहस्य है जिसे देखने के लिए लोग पूरी दुनिया भर से इस जगह की यात्रा करते हैं।
पराशर झील का इतिहास
पराशर झील हिमाचल प्रदेश, भारत में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह झील मंडी जिले में सराहन गढ़ शहर के पास स्थित है और इसे प्रशार देवता के नाम पर नामित किया गया है। प्रशार झील का इतिहास समृद्ध है और इसके आसपास अनेक पौराणिक कथाएं जुड़ी हैं।
पराशर झील के इतिहास के अनुसार, यह झील महर्षि प्रशार द्वारा निर्मित माना जाता है। मान्यता के अनुसार, महर्षि प्रशार यहां अपने तपस्या के दौरान रहते थे। उन्होंने यहां अपना आश्रम स्थापित किया और इस झील का निर्माण किया। प्रशार झील को महर्षि प्रशार के नाम पर रखा गया है।
इसके अलावा, यह जगह मान्यताओं के अनुसार पाण्डवों के समय से भी जुड़ी हुई है। मान्यता है कि पाण्डवों ने इस जगह पर अपने आश्रम स्थापित किए थे और यहां तपस्या की थी। प्रशार झील उनकी धार्मिकता और आध्यात्मिक महत्त्व की गवाही है।
वास्तव में, पराशर झील को एक त्रिकोणीय आकृति में पाया जाता है और इसे एक स्थानीय देवता द्वारा पूजा जाता है। जिसमें प्रमुखतः दो मंदिर हैं पराशर देवता मंदिर और कमला मंदिर। यहां सालाना मेले का आयोजन होता है, जिसमें श्रद्धालु और पर्यटक भाग लेते हैं।
पराशर झील आकर्षणीय प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ अपनी महत्त्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक पहचान के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु इसकी प्राकृतिक शान का आनंद लेते हैं और इसे अपनी सौंदर्यिक और आध्यात्मिक अनुभव का स्रोत मानते हैं।
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