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भारत विविधताओं का देश है और यहाँ संस्कृति विश्व भर में एक अलग ही पहचान बनाए हुए है तथा प्रकृति का भी यहाँ पर कदम-कदम पर रूप बदलती हुई नजर आती है भारत की मिट्टी में मौसम के बदलते हुए हर एहसास का मिज्जाज है कहीं सुनहरी धूप होती है तो कहीं बादलों की चादरों से लिपटा हुआ समां होता है कहीं कल-कल बहती हुई नदियाँ देखने को मिलती हैं तो कहीं पहाड़ों में बसे हैं कई खूबसुरत गाँव आइए आपको ले चलते हैं ऐसी ही जगह जहाँ ठंडी वादियों और खुबसूरत पहाड़ों का बसेरा है जी हाँ इस पोस्ट में बात करेंगे कुल्लू-मनाली की जो की घुमने-फिरने के शौकीन लोगों की मनपसंद जगह हैं जब आप कुल्लू-मनाली में जाएंगे तो कुल्लू-मनाली के बेहतरीन नजारों का दीदार करने से पहले इस पोस्ट को पढ़ कर जानकारी लेकर जाएँ ताकि आपको वहां किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े और आप कुल्लू-मनाली के बेमिसाल नजारों और सफर का सही से मजा ले सकें
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Kullu-Manali |
कुल्लू-मनाली एक बेहद खुबसूरत स्थान है यहाँ घुमने के लिए हर वर्ष लाखों पर्यटक आते हैं क्यूंकि यहाँ के पहाड़ों की सुंदरता पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती हैं भारत के अलावा विदेशों से भी भारी मात्रा में यहाँ पर पर्यटक घुमने के लिए आते हैं कुल्लू वैली में पहाड़ों में एक लाइन में बनें घर बहुत सुंदर दिखाई देते हैं कुल्लू मनाली भारत देश के सभी प्रमुख स्थलों में से एक है और यहाँ पर आप ऊँचे पहाड़ों में घुमने का आनंद ले सकते हो
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Tourist Places in Kullu Manali |
वैसे तो कुल्लू मनाली का हर एक स्थान खुबसूरत है कुछ ऐसे स्थान हैं जहाँ पर सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं ये प्रमुख स्थान हैं जोगिणी वॉटरफॉल , बिजली महादेव , नग्गर गाँव , नग्गर ( किला ) कैसले , अर्जुन गुफा , रोहतांग पास , सोलंग नाला , अंजनी महादेव इत्यादि इसके अलावा भी अन्य स्थान हैं जिनके बारे में नीचे इस पोस्ट में बताया गया है आइए बारी-बारी से हर स्थान के बारे में आपको जानकारी देते हैं
कुल्लू में पहुंचते ही आपको सबसे पहले जाना चाहिए नग्गर किले में यहाँ पर हिमाचल की सबसे पुरानी कलाकृति आपके स्वागत के लिए खड़ी मिलेगी यहाँ का इस किले का इतिहास बहुत पुराना है और यह किला कलाकृतियों से भरा पड़ा है नग्गर किले को इसलिए खास माना जाता है क्योंकि जब हिमालय में पाल राज्य का साम्राज्य हुआ करता था तो तब से लेकर इस किले को सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाता था यदि आप आज भी इस किले को ध्यान से देखेंगे तो आपको इसमें हिमाचल की चित्रकला बखूबी देखने को मिलेगी सही माइने में अगर देखा जाए तो हिमाचल की सबसे पुरानी संस्कृति का जीता जागता उदाहरण यही नग्गर किला ही है और हिमाचल की संस्कृति इसमें साफ़ झलकती है तो इसे देखने जरुर जाएँ यहाँ पर रहने का भी इंतजाम है टूरिस्ट प्लेस होने के कारण इसे होटल के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है यदि आप यहाँ रहना चाहते हैं तो आने से पहले ही बुकिंग करवा लें ताकि आपको कोई भी परेशानी का सामना ना करना पड़े क्यूंकि होटल के कमरे कभी-कभी सभी बुक हो जाते हैं और आपको लौट कर कहीं और होटल बुक करना पड़ेगा इसलिए पहले ही बुकिंग करवा लें और आएं खूब मस्ती और मजा करें
जब हमने यहाँ के लोकल लोगों से बातचीत की तो उन्होंने बताया की यह किला काठकुंडी शैली में बना है और साथ में लोकल लोगों का कहना है कि 1905 में जब भूकम्प आया था तो सभी जगह भारी नुकसान हुआ था लेकिन यह किला ज्यों का त्यों बना हुआ है इस किले को की दीवारें बहुत चौड़ी होने के कारण इस किले को कुछ भी नहीं हुआ था आज भी यह वैसा ही है जैसा पहले था
यहाँ पर जाएँ और फोटो इत्यादि खिंचवाएं जब भी आप यहाँ पर जाएँगे तो आपको यहाँ पर बहुत भारी मात्रा में पर्यटक देखने को मिलेंगे कोई instagram के लिए reels बनाते हैं तो कोई YouTube की विडियो शूट करते हैं वैसे आप हमारा YouTube चैनल Subscribe कर लें हिमाचल के पर्यटक स्थलों की जानकारी की विडियो उसमें देखने को मिलेगी जैसे बरोट वैली मंडी कुल्लू बिलासपुर और अन्य स्थानों की विडियो चैनल में है चैनल का नाम है Ram Himachali इस चैनल के नाम को आप YouTube पर Search कर सकते हो
कुल्लू-मनाली सिर्फ एतिहासिक धरोहरों के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है बल्कि आप कुछ तूफानी करना चाहते हैं तो कुल्लू में आपको कुछ स्थानों पर व्यास नदी में राफ्टिंग करने का मौका मिलेगा कुल्लू की मार्केट से मनाली रोड़ पर बबेली नामक स्थान से राफ्टिंग करवाई जाती है कुल्लू मार्केट से बबेली महज 7 किलोमीटर दूर है बबेली से कुल्लू तक राफ्टिंग करवाई जाती है यह राफ्टिंग एक रोमांच से कम नहीं होती है इसके अलावा कुल्लू के साथ झिड़ी नामक स्थान भी राफ्टिंग के लिए प्रसिद्ध है
देश विदेश से आए हुए लोग यहाँ पर राफ्टिंग कर अपने सफ़र को और भी रोमांचक बनाते हैं
प्राचीन काल से प्रसिद्ध इस जगह को मनु अल्वा के नाम से इस जगह को जाना जाता था इस जगह को ऋषि मनु के नाम से इस जगह का नाम रखा गया मनु ऋषि ने यहाँ पर तपस्या की थी यहाँ पर और भी देवी-देवता हैं इसलिए इसे देव भूमि के नाम से भी जाना जाता है जैसे-जैसे समय बदलता गया मनु नाम से ही इसका नाम मनाली हो गया और आज भी यहाँ पर मनु ऋषि का मंदिर है वहां पर जाकर लोग पूजा-अर्चना करते है और मनु ऋषि का आशीर्वाद पाते हैं देवदार के पेड़ों से घिरे हुए पहाड़ और यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य आपके मन को मनाली जाने के लिए व्याकुल करता है मनाली भारत के लगभग सभी टूरिस्ट प्लेस में से ख़ास है और प्रकृति प्रेमी के लिए तो यह स्थान उनकी लिस्ट में सबसे ऊपर रहता है
मनाली व्यास नदी के किनारे बसा शहर है यहाँ पर आपको सभी प्रकार की दुकानें मिल जाती है मनाली की सबसे ज्यादा प्रसिद्ध चीजें हैं यहाँ का सेब , ओड़ने का शौल जो की भेड़ की ऊन से बना होता है उसी प्रकार से यहाँ का पहनावा जिसे कोली टोपी , ढाठु , भेड़ की ऊन से बना कोट ( जैकेट को कोट कहा जाता है ) ऊन की जुराबें चौला इत्यादि हैं
जैसा की सभी को पता है कि मनाली एक टूरिस्ट प्लेस है और यहाँ पर लगभग 4000 से ज्यादा होटल हैं इन होटलों को आप ऑनलाइन बुक करवा सकते हो ऑनलाइन बुकिंग वेबसाइट हैं जैसे MakeMyTrip.com , Booking.com , Trivago.com ऐसी बहुत सारी websites आपको Google में Search करने पर मिल जाएगी जिनसे आप होटल के बारे में जानकारी लेकर उसे पहले से बुक करवा लें ताकि जब आप घुमने जाएँ तो आपको कोई परेशानी ना हो और आप बिंदास घूम सकें या फिर वहां जाकर भी रूम बुक करवा सकते हैं लेकिन सीजन के समय यानि गर्मी के मौसम के समय सभी होटल बुक रहते हैं इसलिए पहले से बुकिंग करवा कर रखें
मनाली में आपको देश लोकल खाना देश विदेश की सभी प्रकार की डिश खाने के लिए मिलती है यह होटल की सुविधा पर निर्भर करता है बहुत से होटल लोकल खाना ही खिलाते हैं जैसे यहाँ के लोकल खाने में शामिल है सीडू , भले , पुरियां , राजमाह की दाल , राजमाह यहाँ पर लोकल खेतों में भारी मात्रा में होता है
कुल्लू में मटर की खेती भी काफी मात्रा में होती है और यहाँ के सभी होटलों में मटर-पनीर , शाही पनीर , कड़ाही पनीर होटल में रहने आए पर्यटकों को खाने के लिए परोसा जाता है इसके अलावा हिमाचल की एक और रेसिपी है जो मुख्य रूप से लगभग सभी होटलों और ढाबों में खाने के लिए दी जाती है वह है उड़द की दाल और कड़ी लोकल भाषा में इसे माह-कड़ी कहा जाता है माह उड़द की दाल को बोलते हैं और कड़ी दहीं या छाछ को तड़का लगाकर बनाते हैं जब खाना खाती बार इन दोनों को चावल में मिलाया जाता है तो इसके स्वाद का का लेवल कुछ और ही होता है बहरहाल जब आप खाएंगे तभी आप इसका अंदाजा लगा पाएंगे कि आखिर इसका स्वाद कैसा है
लोकल सब्जी की बात करें तो यहाँ पर बंद गोभी , फुल गोभी , तोरी , कद्दू की सब्जी , भिंडी इत्यादि शामिल है कद्दू का खट्टा और कद्दू का मीठा भी बनता है जो की हिमाचल की मुख्य रेसिपी में से एक है
इसके अलावा विदेशी खाने की बात करें तो कुछ ही होटल ऐसे हैं जिनमें यह सुविधा है यहाँ पर रशियन खाना और अन्य देशों का खाना आर्डर पर मिलता है
जो सनातन धर्म में विश्वास रखते हैं उनके लिए यह धार्मिक स्थान आस्था का प्रतीक है और भगवान भोलेनाथ को ही बिजली महादेव भी कहा जाता है बिजली महादेव में शिवलिंग है जिसके ऊपर हर 12 साल के बाद आसमान से बिजली गिरती है और शिवलिंग के टुकड़े गिर जाते हैं फिर से इन टुकड़ों को मक्खन से जोड़ा जाता है और शिवलिंग फिर से कर ली जाती है इस शिवलिंग को मक्खन से जोड़ा जाता है इसलिए इस स्थान को मक्खन महादेव के नाम से भी जाना जाता है और सदियों से यह परंपरा चलती आ रही है पौराणिक कथाओं के अनुसार यहाँ पर कुलांत नाम का राक्षस रहता था जिसका वध भगवान शिव ने किया था
यहाँ पर सदियों पुराने इस शिवलिंग की पूजा की जाती है और यह मंदिर ऊँची पहाड़ी पर स्थित होने के कारण यह पर्यटकों की मनपसंद जगह बन गई है और हर वर्ष लाखों लोग यहाँ पर दर्शन करने आते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं
बिजली महादेव में भोलेनाथ के दर्पशन करने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी बहुत बार आ चुके हैं
बिजली महादेव जाने का रास्ता Map
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Rohtang Pass |
रोहतांग पास में साल के लगभग 12 महीने बर्फ रहती है रोहतांग पास की ऊंचाई लगभग 13058 फुट है यह लगभग 3980 मीटर के बराबर है रोहतांग दर्रा पीर पंजाल की पहाड़ियों में स्थित है यह हिमालय में लगभग 51 किलोमीटर में फैला हुआ है रोहतांग पास कुल्लू घाटी और लाहौल स्पीती के बीच में स्थित है रोहतांग दर्रे के एक तरफ व्यास नदी का उदगम स्थान है
कुल्लू-मनाली में गर्म पानी के चश्में हैं यहाँ पर आप धरती से निकले हुए गर्म पानी से नहा सकते हो यह स्थान प्रकृति द्वारा दिया हुआ एक वरदान है क्यूंकि यहाँ पर हर समय गर्म पानी रहता है आइए इन गर्म पानी के चश्मों के बारे में जानते हैं
वशिष्ट मनाली मार्केट के बिल्कुल नजदीक है यह यहाँ से लगभग 3 किलोमीटर है महऋषि विशिष्ट का रामायण में वर्णन है उन्होंने हजारों साल तक यहाँ पर तपस्या की थी जिसकी वजह से यहाँ पर गर्म पानी का चश्मा है और लोग गर्म पानी से नहाने का आनंद लेते हैं इस स्थान का नाम महऋषि वशिष्ट के नाम पर पड़ा है महऋषि वशिष्ट भगवान राम के कुल गुरु थे जब विश्वामित्र ने उनके सभी बच्चों को मार दिया तब वह दुखी होकर अपने प्राण त्यागने के लिए अपने पैर और हाथ को बांधकर व्यास नदी में कूदे लेकिन व्यास नदी ने उनके प्राण लेने से मना कर दिया और उनकी रस्सी तोड़कर उन्हें नदी किनारे जीवित छोड़ दिया
यहाँ पर ऋषि वशिष्ट का मंदिर भी है और भगवान राम सीता लक्ष्मण का मंदिर भी है यहाँ पर सनान जरुर करें क्यूंकि यह एक तीर्थ स्थल है और इस गर्म पानी के कुंड में वह गुण है जिससे बहुत सी बीमारियाँ खत्म हो जाती है वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह जल लाभदायक है जिनको खाज-खुजली होती है उनको यहाँ पर सनान करने से लाभ प्राप्त होता है यदि आप मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो सुबह 07:00 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक दर्शन कर सकते हैं
मलाणा गाँव विश्व के सबसे प्राचीन लोकतंत्र के लिए जाना जाता है साथ में यहाँ की खुबसूरत वादियाँ व पहाड़ मन को मोह लेते हैं गाँव तो सुंदर है ही लेकिन यदि आप ट्रैकिंग पर जाना चाहते हैं तो आप चन्द्रघणी नामक स्थान में ट्रैकिंग कर सकते हो यह मलाणा गाँव से मनाली के ट्रैक पर पड़ता है जिसमें आपको ट्रैकिंग करके ही जाना होगा और यह स्थान बहुत सुंदर है आप नीचे विडियो में देख सकते हो
मलाणा गाँव में आपको कुल्लू की बहुत पुरानी संस्कृति देखने को मिलेगी यहाँ पर बहुत पुराने मंदिर और बहुत पुराने घर हैं जिन्हें देखने विश्व भर से पर्यटक आते हैं इस गाँव के देवता है जामलू देवता यदि गाँव के मुख्य फैसले लेने हो तो देवता के मार्गदर्शन से ही सभी कार्य के फैसले लिए जाते हैं वर्षों पहले यह गाँव दुनियां की नजर में नहीं था लेकिन हवाई जहाज से पहली बार इस गाँव को देखा गया उसके बाद यहाँ के लोगों और दुनियां के लोगों के बीच धीरे-धीरे सम्बन्ध बनें अब मलाणा गाँव अपने सौंदर्य के लिए विश्व भर में जाना जाता है
हिड़ीम्बा मंदिर बहुत पुराना मंदिर है इस मंदिर में माँ हिड़ीम्बा के चरणों की पूजा की जाती है और यह मंदिर देवदारों के पेड़ों से घिरा हुआ एक सुंदर मंदिर है महाभारत के अनुसार जब पांडव अज्ञातवास में थे तब भीम ने हिड़ीम्बा माता के भाई को युद्ध में हराया था और उसके बाद उनकी शादी माता हिड़ीम्बा के साथ हुई लेकिन शादी से पहले माता ने इस स्थान पर तपस्या की थी और माता के चरण यहाँ पर हैं जिसकी पूजा की जाती है कहा जाता है कि इस मंदिर के अंदर गुफा है जिसमें माता ने तपस्या की थी और बाद में इस मंदिर का निर्माण 1553 में हुआ था और यह मंदिर देखने में बहुत सुंदर है यह पूरा मंदिर लकड़ी का बना हुआ है और इसकी नकाशी बहुत सुंदर है
हिड़ीम्बा मंदिर मनाली से लगभग 2 किलोमीटर दूर है
हांम्पटा पास एक बेहद खूबसूरत स्थान है इसकी समुद्रतल से ऊंचाई लगभग 4270 मीटर है हांम्पटा पास कुल्लू वैली और लाहौल स्पीती को आपस में जोड़ता है हालाँकि यहाँ से लाहौल स्पीती को सड़क नहीं है लेकिन जिन्होंने घोड़े पाले होते हैं और भेड़ बकरी चराने वाले गडरिए वह यहाँ से भेड़ बकरी चराते हुए निकलते हैं
यदि आपको एडवेंचर का शौक है तो आप कुल्लू मनाली में जाकर पैराग्लाइडिंग करने का आनंद ले सकते हो यहाँ पर सोलंगनाला तथा ढोबी नामक स्थान पर पैराग्लाइडिंग करवाई जाती है ज्यादातर पैराग्लाइडिंग करने का मजा नवम्बर महीने में आता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यहाँ पर पैराग्लाइडिंग का भरपूर आनंद ले चुके हैं पैराग्लाइडिंग करने से पहले मौसम इत्यादि की जानकारी लेना अति आवश्यक है तथा सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें और खूब सारा मजा करें
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