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धर्मशाला एक सुंदर और छोटा सा शहर है यह हिमाचल प्रदेश राज्य के कांगड़ा जिला में स्थित है हिमाचल प्रदेश में बहुत से पर्यटन स्थल हैं यह एक पर्यटन स्थल है जहाँ पर पुरे विश्व से बहुत से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं धर्मशाला में विश्व भर से लाखों पर्यटक हर साल आते हैं गर्मी में तो यहाँ पर होटलों में पहले ही बुकिंग करवाना पड़ती है क्यूंकि देश-विदेश से लाखों की संख्या में पर्यटक गर्मी से राहत पाने के लिए आते हैं
धर्मशाला में घुमने लायक स्थान हैं Dal Lake ( डल झील ) , Triund Hill ( त्रियुंड पहाड़ी ) , Gyuto Monastery ( गयुटो मोनेस्ट्री ) , Bagsu Waterfall ( भागसु वॉटरफॉल ) , Dalai Lama Temple & Complex ( दलाई लामा मंदिर और काम्प्लेक्स ) , MacLeod Ganj ( मैकलौड़गंज ) , Bhagsunag Temple ( भागसुनाग मंदिर ), Indrahar Pass ( इन्द्राहार घाटी ), Dharamkot ( धर्मकोट ), Kangra Fort ( कांगड़ा किला ), Masrur Temple ( मसरुर मंदिर ) , Hanuman Tibba ( हनुमान टिब्बा ), Kalachakra Temple ( कलाचकरा मंदिर ) , Aghanjar Mahadev Temple ( अघंजर महादेव मंदिर ), Nechung Monastery ( नेचुंग मानेस्ट्री ) , Chinmaya Tapovan ( चिन्मय तपोवन ) , Norbulingka Intitute ( नोर्बुलिंग्का संस्था ) , Kangra Art Museum ( काँगड़ा कला संग्रहालय ) , Gopalpur Zoo ( गोपालपुर चिड़ियाघर ) अब आपको बारी-बारी से हर स्थान के बारे में पूरी जानकारी देते हैं
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Dharamshala |
Dal Lake ( डल झील ) धर्मशाला के सबसे सुंदर स्थानों में से एक है देवदार के पेड़ों के बीच में यह झील बहुत सुंदर है और पकृति प्रेमी के लिए यह मनमोहक नजारा बहुत खुबसूरत है झील के इधर-उधर सुंदर पहाड़ दिखाई देते हैं यहाँ पर आप फोटो शूट कर सकते हो विडियो बना सकते हो और पिकनिक भी मना सकते हो छोटी-छोटी Boat ( नाव ) में घुमने का आनंद ले सकते हो
ꟷ यहाँ पर एक छोटा सा मंदिर है जो की भगवान शिव का मंदिर है
ꟷ धर्मशाला में सबसे अच्छे दिखने वाले स्थान में से एक है
ꟷ झील में पर नाव में सवार होकर आनंद ले सकते हो
ꟷ यहाँ पर आने का सही समय है मार्च महीने से लेकर जुलाई महीने तक फिर सितम्बर से अक्टूबर महीने के बीच में
Triund Hill ( त्रियुंड पहाड़ी ) धर्मशाला में सबसे ज्यादा घुमे जाने वाली पहाड़ी में से एक है और यह बहुत ज्यादा पॉपुलर भी है जो धर्मशाला घुमने के लिए आएं हों और ट्रैकिंग के शौक़ीन हों वह Triund Hill ( त्रियुंड पहाड़ी ) जाने से अपने आप को नहीं रोक पाते हैं यह स्थान धौलाधार की गौद में बसा है जो की पश्चिम हिमालय में स्थित है यह स्थान ट्रैकिंग करने वालों का मनपसंद स्थान होने के साथ-साथ पिकनिक करने का स्थान भी है यहाँ पर आप पिकनिक का आनंद ले सकते हो और पहाड़ों की सुंदरता का आनंद लीजिएगा
ꟷ एक तरफ आपको बर्फ से ढके पहाड़ देखने को मिलेंगे दूसरी तरफ आपको हरे घास के मैदान दिखेंगे शहर के शौर से दूर बिल्कुल शांत जगह पर आप अपने आप को प्रकृति के बहुत नजदीक पाएंगे
ꟷ ट्रैकिंग करके जा सकते हैं और यहाँ पर कैंप लगाकर रह सकते हैं
ꟷ यहाँ पर ट्रेकिंग करने का सही समय है मार्च से जून और सितम्बर से दिसम्बर तक
Gyuto Monastery ( ग्युटो मोनेस्ट्री ) सबसे पहले दलाई लामा के शिष्य Jetsun Kunga Dhondup ( जेतसुन कुंगा धोंडूप ) ने ग्युटो मोनेस्ट्री की स्थापना की थी 1959 में जब लामा भारत आए तब फिर दुबारा से इस मोनेस्ट्री को स्थापित किया गया यह मोनेस्ट्री तांत्रिक ध्यान के लिए प्रसिद्ध है यहाँ पर प्रमुख तांत्रिक ग्रंथों का अभ्यास करते हैं जैसे गुह्यासमाजा यामंताका चकरासमवारा
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Gyuto Monastery |
यह कला और बौद्ध दर्शन के लिए भी जाना जाता है और यहाँ के बौद्ध भिक्षु यहाँ पर अध्ययन करते हैं Gyuto Monastery धर्मशाला सिटी में ही स्थित है और यहाँ पर आसानी से पहुंचा जा सकता है
दलाई लामा मंदिर और काम्प्लेक्स एक शांत वातावरण वाला स्थान है और यह लामाओं का परीक्षण केंद्र है यह एक ऐसा स्थान है जहाँ पर परीक्षण लेने वाले प्रशिक्षु और पर्यटक बौद्ध धर्म के मार्ग की परम शांति के बीच अपने आप को इस वातावरण में अच्छा महसूस करते हैं
वैसे तो आप साल में किसी भी महीने यहाँ पर जा सकते हो हमारा हमारे विचार से जुलाई और अगस्त को छोड़कर आप साल के किसी भी महीने में यहाँ पर जा सकते हो क्यूंकि जुलाई और अगस्त में यहाँ पर बहुत भारी मात्रा में बारिश होती है
मैकलौड़गंज में पुरे विश्व से पर्यटक आते हैं यह एक छोटी सी सुंदर जगह है जो कि हिमाचल प्रदेश राज्य के धर्मशाला के नजदीक है यह एक हिल स्टेशन है और यहाँ पर भारी मात्रा में पर्यटक आते हैं पहाड़ी स्थान होने के साथ यहाँ पर देवदार के घने जंगल हैं और नजारा मनमोहक है और यहाँ पर भारी मात्रा में तिब्बती लोग रहते हैं तो इसकी वजह से इस स्थान को मिनी ल्हासा भी कहा जाता है धर्मशाला के नजदीक घूमने के लिए यह सबसे अच्छे स्थानों में से एक है
मैकलौड़गंज में गर्मी से राहत पाने के लिए आप जून और जुलाई में आ सकते हैं या फिर सर्दी के समय जनवरी और फरवरी में आएंगे तो आपको इसके साथ लगते पहाड़ों में बर्फ का नजारा देखने को मिलेगा इसके अलावा साल में किसी भी महीने में आप यहाँ पर आ सकते हैं
भासुनाथ मंदिर एक छोटे से गाँव भागसु में हैं यह बहुत सुंदर स्थान है और यहाँ के लोगों का मुख्य व्यवसाय पर्यटन से ही है जैसे छोटे रेस्तरां और होटल से यहाँ के लोग आना जीवनयापन करते हैं यह स्थान मैकलौड़गंज से महज लगभग 1 किलोमीटर की दुरी पर है यदि आप यहाँ से पैदल भी चले जाएँ तब भी आप मंदिर बड़ी आसानी सा पहुँच जाओगे
ꟷ यहाँ पर आप पूरी साल में कभी भी आ सकते हैं गर्मी के मौसम में आएंगे तो आप गर्मी से राहत पाएंगे और सर्दी के समय आपको यहाँ के पहाड़ों में बर्फ देखने को मिलेगी
धर्मशाला के ऊपर हिमालय का पश्चिमी भाग है और इन्द्राहार घाटी पश्चिमी हिमालय के धौलाधार में एक ऊपर पहाड़ी पर सुंदर स्थान है ज्यादातर ट्रैकिंग करने के शौकीन लोग ही इस घाटी में जाते हैं इसकी ऊंचाई लगभग 4500 मीटर है और विश्व भर से पर्यटक यहाँ पर आते हैं और यहाँ की सुंदरता सभी को अपनी और आकर्षित करती है यह स्थान एडवेंचर के लिए भी जाना जाता है इन्द्राहार घाटी धर्मशाला से लगभग 8 किलोमीटर की दूर है
मई से लेकर सितंबर तक आप यहाँ पर कभी भी जा सकते हैं सर्दियों में यहाँ पर नहीं जाने की सलाह दी जाती है
धर्मकोट धर्मशाला के ऊपर एक सुंदर हिल स्टेशन है यह स्थान मैक्लोड़गंज के ऊपर स्थित है यहाँ पर बहुत से विदेशी पर्यटक आते हैं और यहाँ पर विदेशी पर्यटक भी रहने लगे हैं इस स्थान की समुद्रतल से ऊँचाई लगभग 2800 मीटर है विदेशी लोगों को यह जगह बहुत अच्छी लगती है यह स्थान त्रियुंड हिल के पास ही लगभग 4 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है
कांगड़ा किला एक एतिहासिक स्थान है और इस किले से आप कांगड़ा वैली और कांगड़ा की सुंदर नदियाँ देख सकते हैं यह किला इस किले का निर्माण 4th century BC में कटोच साम्राज्य द्वारा किया गया था यह एतिहासिक किला भारत के गिने-चुने पुराने किलों में से एक हैं इसलिए भी कांगड़ा किला को एक अलग पहचान मिली है कांगड़ा किला धर्मशाला के सबसे सुंदरतम स्थानों में से एक है
मसरुर मंदिर मसरूर गाँव में स्थित यह एक सुंदर स्थान होने के साथ-साथ एक एतिहासिक स्थान है और इसकी वास्तुकला सबसे पुरानी होने के कारण ज्यादातर पर्यटक इसकी वास्तुकला को देखने के लिए आते हैं जब साल 1905 में काँगड़ा में भूकंप हुआ था तो आसपास के सभी घर गिर गये थे लेकिन इस मंदिर को थोड़ी सी ही क्षति पहुंची थी और यह आज भी अपनी जगह पर खड़ा है और यह UNESCO World Heritage Site में से एक है मसरूर मंदिर पत्थरों की नकाशी के लिए प्रसिद्ध है यह मंदिर बड़े-बड़े पत्थरों से बना है इन्हें हिमालयन पिरामिड के नाम से भी जाना जाता है सदियों पुराना होने के कारण इसकी एक खास पहचान है
हनुमान टिब्बा पश्चिम हिमालय में स्थित धौलाधार पर्वत में लगभग सभी पर्वतों से ऊंचा है और यह बहुत प्रसिद्ध टिब्बा है हनुमान टिब्बा लगभग समुद्रतल से लगभग 19000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है ट्रैकिंग करने वाले पर्यटकों के लिए यह स्थान बहुत ही अच्छा है यहाँ पर पर्वतारोहण और लम्बी पैदल यात्रा करने वाले पर्यटक आते हैं और यहाँ पर लगभग साल के 6 महीने बर्फ जमी रहती है
अघंजर महादेव मंदिर धर्मशाला के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थानों में से एक है यह एक सिद्ध पीठ है और एतिहासिक मंदिर है भगवान भोलेनाथ के भक्त यहाँ पर दूर-दूर से आते हैं और एतिहासिक मंदिर होने के कारण यहाँ पर भारी मात्रा में पर्यटक आते हैं यह मंदिर लगभग 500 साल पुराना मंदिर है और यह एक चट्टान के पास बना है और आसपास के रास्ते नदियों झरने और घने जंगल से घिरे हुए हैं यह नजारा देखते ही बनता है
अघंजर महादेव मंदिर की दुरी धर्मशाला बस स्टैंड से लगभग 9 किलोमीटर है
यह स्थान बोद्ध धर्म से जुड़ा है और आध्यात्मिक मार्गदर्शक है यह 18वीं सदी में बना था इसे "Seer-oracle" कहा जाता है यह मोनेस्ट्री धर्मशाला में सबसे महत्वपूर्ण देखने लायक स्थानों में से एक है और यदि कोई आध्यात्मिकता से जुड़ना चाहता है तो इस स्थान में जा सकता है और एक अच्छा आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करने के लिए आपको नेचुंग मानेस्ट्री में जरुर जाना चाहिए , नेचुंग मानेस्ट्री धर्मशाला बस स्टैंड से तकरीबन 2 से 3 किलोमीटर के बीच में है
मार्च से जून तक का समय यहाँ पर विजिट करने के लिए सही रहेगा
आप यहाँ पर सोमवार से शनिवार सुबह 09:00am से 05:00pm तक विजिट कर सकते हो
यह स्थान ज्यादातर स्थान वातावरण और मैडिटेशन के लिए जाना जाता है मैडिटेशन करने को ही तप कहा जाता है और जहाँ पर ज्यादातर मैडिटेशन हो उस स्थान को "तपोवन" कहाँ जाता है ज्यादातर शांत स्थान में रहने वाले साधुओं का यह स्थान पसंदीदा स्थान है और यहाँ पर मैडिटेशन काम्प्लेक्स भी है जहाँ पर बहुत से लोग देश-विदेशों से मैडिटेशन करने के लिए आते हैं यहाँ पर भगवान हनुमान जी की बहुत बड़ी प्रतिमा है और राम मंदिर है साथ में स्कूल भी है यह स्थान धर्मशाला के पर्यटन स्थलों में सबसे अलग पहचान बनाए हुए है और यहाँ पर बहुत भारी मात्रा में पर्यटक देश से तो आते ही हैं विदेशों से भी आते हैं यह स्थान सिद्धबाड़ी में स्थित है
यहाँ पर आप साल के किसी भी महीने में जा सकते हैं
हर रोज विजिट करने का समय है सुबह 07:00am से 07:00pm तक
नोर्बुलिंग्का संस्थान भारत में तिब्बती समुदाय की संस्कृति, धर्म जीवनशैली और कला का एक जीता जागता प्रमाण है और यह देश और विश्व में प्रसिद्ध स्थान है यदि आप आध्यात्मिकता का अनुभव लेना चाहते हैं तो यह स्थान इसके लिए सबसे बेस्ट स्थान है नोर्बुलिंग्का संस्थान के परिसर में एक तिब्बती मंदिर भी है यह स्थान पालमपुर-धर्मशाला रोड़ पर सिद्धपुर में स्थित है यह स्थान धर्मशाला बस स्टैंड से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
ꟷ लोसेल डोल संग्रहालय जो की तिब्बत की 150 से ज्यादा गुड़ियों का घर है यह सभी गुड़ीया वेशभूषा में सजी हुई हैं
ꟷ डेडेन त्सुगलगखांग मंदिर जो की तिब्बती कला और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है
ꟷ हमिंगबर्ड कैफे जो कि यहाँ पर आए देश व विदेशी पर्यटकों को हर प्रकार के देशी व विदेशी व्यंजन परोसता है यानि विदेशी पर्यटकों का खाना भी यहाँ पर उपलब्ध है
इस संग्रहालय में कांगड़ा की वेशभूषा और ग्रामीण कढ़ाई ( Rural Embroideries ) और कुछ पुरानी तस्वीरें रखी गई हैं
गोपालपुर चिड़ियाघर धर्मशाला में सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है यह धर्मशाला से पालमपुर रोड़ पर स्थित है इस चिड़ियाघर में बहुत से पक्षी व जानवर हैं आप इन्हें देख सकते हैं यह चिड़ियाघर धर्मशाला से लगभग 20 किलोमीटर और पालमपुर से लगभग 13 किलोमीटर की दुरी पर है यदि आप धर्मशाला से मनाली की तरफ जा रहे हैं या फिर मनाली से धर्मशाला की तरफ आ रहे हैं तो आप बड़ी आसानी से गोपालपुर चिड़ियाघर को देख सकते हैं इस चिड़ियाघर को Dhauladhar Nature Park Zoo के नाम से भी जाना जाता है
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